महिषमर्दिनी का शांत स्वरूप "ओसियाँ की सच्चियायमाता" "Sachchiyay Mata- Osiyan"

Sachchiyay Mata Temple, Osiyan

             सच्चियाय अथवा सच्चियायमाता (Sachchiyay Mata / Sachiya Mata) का भव्य और प्रसिद्ध मन्दिर जोधपुर से लगभग  60 की.मी. दूर ओसियाँ में स्थित है । ओसियाँ पुरातात्विक महत्व का एक प्राचीन नगर है । इसका प्राचीन नाम उकेश था जिसका अपभ्रंश कालान्तर में ओसियाँ हो गया ।
           ओसियाँ में वैष्णव, शैव, देवी (शक्ति) और जैन मन्दिर साथ-साथ बने । वैष्णव और शैव मतों की उदारता तथा सहिष्णुता के परिणामस्वरूप विष्णु तथा शिव के संयुक्त रूप हरिहर लोकप्रिय हुये । शिव अपनी शक्ति से संपृक्त हो अर्द्धनारीश्वर बन गए तथा सूर्य और विष्णु का समन्वित रूप सूर्य नारायण कहलाया।
            ओसियाँ में पहाड़ी पर अवस्थित मन्दिर परिसर में सर्वाधिक लोकप्रिय पर प्रसिद्ध सच्चियायमाता का मन्दिर है । 12वीं शताब्दी ई. के आसपास बना यह भव्य और विशाल मन्दिर महिषमर्दिनी (दुर्गा) को समर्पित है । उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि उस युग में जैन धर्मावलम्बी भी देवी चण्डिका अथवा महिषमर्दिनी की पूजा - अर्चना करने लगे थे तथा उन्होंने उसे प्रतिरक्षक देवी के रूप में स्वीकार कर लिया था परन्तु उन्होंने देवी के उग्र या हिंसक रूप के बजाय उसके ललित एवं शांत स्वरूप की पूजा - अर्चना की । अतः उन्होंने उसे सच्चियाय या सच्चियायमाता कहा ।
Sachchiyay Mata Osiyan
Sachchiyay Mata Temple, Osiyan
Sachchiyay Mata Temple, Osiyan
Sachchiyay Mata Temple, Osiyan
               ओसियाँ से प्राप्त शिलालेखों, मूर्तिशिल्प और परम्परा से पता चलता है कि महिषमर्दिनी ही वस्तुतः सच्चियायमाता है । इस धारणा की पुष्टि जैन ग्रंथ उपकेश गच्छ पट्टवालकी से होती है, जिसमे उल्लेख है कि जैन धर्म में प्रवेश करने के कारण देवी महिषमर्दिनी ने उग्र रूप का परित्याग कर सच्चिका (सत्यवृति) रूप धारण कर लिया । लोकमान्यता है कि जैन आचार्य रत्नप्रभसूरि ने हिंसक चामुण्डा महिषमर्दिनी को अहिंसक सच्चियायमाता रूप में परिवर्तित कर दिया ।
                सच्चियायमाता शेताम्बर जैन सम्प्रदाय के ओसवाल समाज की इष्ट देवी या कुलदेवी है । ओसियाँ को ओसवालों का उद्गम स्थल माना जाता है । इस मन्दिर के गर्भगृह में सच्चियायमाता की छोटी किन्तु भव्य स्वरूप की प्रतिमा प्रतिष्ठापित है । इसके पास मन्दिर के मण्डोवर में देवी के विभिन्न रूपों - चण्डिका, शीतला, क्षेमकरी के अलावा क्षेत्रपाल की सजीव प्रतिमाऐं जड़ी हैं ।
Sachchiyay Mata Temple, Osiyan
Sachchiyay Mata Temple, Osiyan
                ओसियाँ का सच्चियायमाता मन्दिर लोक आस्था का केन्द्र है । प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा बड़ी संख्या में लोग यहाँ विवाह आदि शुभ अवसरों पर जात देने तथा अपने संतान का जडूला उतारने के लिए यहाँ आते है । मारवाड़ में सच्चियायमाता कितनी लोकप्रिय थी इसका अनुमान इस बात से होता है कि मारवाड़ के मालानी क्षेत्र के जूना में भी सच्चियायमाता का एक मन्दिर था । विक्रम संवत 1236 के एक शिलालेख के अनुसार उकेश गच्छ से संबंधित सत्य, शील और क्षमा जैसे गुणों से युक्त एक जैन साध्वी ने अपने तथा दूसरों के कल्याण के लिए सच्चिका देवी की प्रतिष्ठा कराई थी । 

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About Sanjay Kumar Sharma

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3 comments:

  1. I want to know kuldevi of Mehta Pariwar
    originally we r from Bhinmal Rajasthan and Migrate to gujarat in kutch region

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  2. Jai Sachiya Mata

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  3. Jai Osiya ki Sachchiyay Mata.. Jai Maa Bhagwati

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मिशन कुलदेवी से जुडने के लिये आपका धन्यवाद