Home / Archive for November 2015
माता सती का शीश - सुन्धामाता "Sundha Mata-Jalore"
Sundha Mata Bhinmal Jalore सुन्धामाता का प्राचीन और प्रसिद्ध मन्दिर जालौर जिले की भीनमाल तहसील में जसवंतपुरा से 12 कि.मी...
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लकवे जैसी बीमारियां ठीक कर देने वाली- वटयक्षिणी देवी (झांतलामाता) "Jhantla Mata / Vatayakshini Mata"
Jhantla Mata/ Vata Yakshini Mata चित्तौड़गढ़ से लगभग 13 कि.मी. दूर कपासन जाने वाले मार्ग पर वटयक्षिणी देवी का मन्दिर है जो लोक...
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दुर्गा माता का सौम्य स्वरूप-ऊनवास की पिप्पलादमाता "Pippalad Mata-Unwas"
प्रतीकात्मक चित्र उदयपुर से लगभग 48 कि. मी. दूर हल्दीघाटी के पास ऊनवास गाँव में दुर्गामाता का एक प्राचीन मन्दिर है जो लोकमा...
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धनोप के वैभव की साक्षी - धनोपमाता "Dhanop Mata- Bhilwara"
Dhanop Mata: Bhilwara भीलवाड़ा जिले में शाहपुरा से लगभग 30 की. मी. उत्तर-पूर्व में स्थित धनोप ऐतिहासिक और पुरातात्विक...
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चित्तौड़गढ़ दुर्ग की कालिकामाता "Kalika Mata- Chittorgarh"
Kalika Mata चित्तौड़गढ़ दुर्ग में रानी पद्मिनी के महलों के उत्तर में बायीं ओर कालिकामाता का भव्य और विशाल मन्दिर ह...
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छोटी सादड़ी की भ्रमरमाता / भँवरमाता "Bhanwar Mata-Chhoti Sadri"
छोटी सादड़ी चित्तौड़गढ़ से लगभग 56 कि . मी. दक्षिण में निम्बाहेड़ा-प्रतापगढ़ मार्ग पर स्थित है । यह अजमेर-खण्डवा रेल...
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मून्दल माता / मूंधड़ों की माता /ब्राह्मणी माताः मून्दियाड़ "Mundal Mata- Mundiyad"
Mu ndal Mata: Mundiyad नागौर से २५ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित मून्दियाड़ गांव है। इस गांव को महेश्वरियों ने बसाया था। इस गांव में प...
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सुस्वागतम्
भारतीय संस्कृति के अनुसार देवी ही एकमात्र तत्त्व है। सब उसी से जन्म लेते हैं और उसी में समा जाते हैं। वेद क...
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वसन्तगढ़ की क्षेमकरीमाता / खीमेलमाता "Khimel Mata- Basantgarh"
आबू के पास वसन्तगढ़ एक प्राचीन स्थान है। इसका अपना विशेष ऐतिहासिक महत्व रहा है । सिरोही और मेवाड़ की सीमा पर स्थित यह कस्बा पर्वतमा...
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हवा में अधर आबू की अर्बुदादेवी / अधर माता "Arbuda Mata / Adhar Mata"
अर्बुदादेवी का प्रसिद्ध मन्दिर राजस्थान के सिरोही जिले में आबू पर्वत में स्थित है । प्राचीन शिलालेखों और साहित्यिक ग्रन्...
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