सकराय माता / शंकरा माता / शक्रा माता "Sakrai Mata"

Sakrai Mata 
             सकरायमाता का प्रसिद्ध मंदिर अरावली पर्वतमाला की मालकेतु पर्वत श्रृंखला की एक सुरम्य घाटी में सघन वन के बीच अवस्थित है। वहीं पर सरकरा नाम की एक छोटी सी प्राचीन नदी या झरना बहता है।
             सकरायमाता का यह मंदिर सीकर से लगभग 60 की.मी. दूर सीकर-उदयपुरवाटी सड़क मार्ग पर अवस्थित है। खंडेला से यह 20-25 की.मी. उत्तर में तथा उदयपुरवाटी से लगभग 10-11 की.मी.दक्षिण में स्थित है। इसके समीपस्थ गिरि श्रृंखला 'कोट का डूंगर' नाम से प्रसिद्ध है। 
             सकरायमाता के उदगम के बारे में जनश्रुति है की देवराज इन्द्र ने असुरों द्वारा छीने गये देवलोक को पुनः प्राप्त करने के लिए  इस स्थान पर देवी की उपासना की थी। देवी ने इन्द्र की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपना राज्य वैभव वापस पाने का वरदान दिया।
              मंदिर में देवी शंकराकी भव्य प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। मूलतः यहाँ उक्त देवी के दोनों ओर  गणेश एवं धनद (कुबेर) की मूर्तियाँ प्रतिष्ठापित थीं, परन्तु कालान्तर में गणेश और कुबेर की मूर्तियाँ वहाँ से हटाकर सभा मण्डप में स्थापित कर दी गई तथा निज मंदिर में शंकरामाता के साथ एक सिंह वाहिनी देवी की मूर्ति स्थापित कर दी गई, जिसके विषय में कहा जाता है की यह मूर्ति निकटवर्ती कुण्ड से प्राप्त हुई थी। लोकमान्यता के अनुसार यहाँ रूद्राणी (शंकरा) तथा ब्रह्माणी (सिंह वाहिनी देवी प्रतिमा) के रूप में देवी की दो प्रतिमाएँ विराजमान हैं।
              शंकरा या सकरायमाता मंदिर में पहले काली की प्रतिमा को पशु बलि एवं मदिरा का भोग लगता था और ब्रम्हाणी के मिष्ठान का। अनेक वर्षों से यहाँ पशु बलि नहीं दी जाती तथा दोनों देवियों को सीरा,पूड़ी का भोग लगता है।
                सकरायमाता शेखावाटी क्षेत्र के ब्राह्मण एवं वणिक समाज के विभिन्न गोत्र शाखाओं वाले सैकड़ों परिवारों की कुलदेवी है। नवरात्रा के अवसर पर चैत्र एवं अश्विन मास में यहाँ विशाल मेले लगते हैं, जिनमें प्रवासी राजस्थानी भी बड़ी संख्या में जात जडूले के लिए देवी के मंदिर में आते हैं।
                 सकरायमाता के प्राचीन मंदिर का 1913 ई. में जीर्णोद्धार कर इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया गया। वह 32 स्तम्भों पर आधारित सभामण्डप बनाया गया है। मंदिर के महन्त नाथ सम्प्रदाय से सम्बन्धित है। 

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About Sanjay Kumar Sharma

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1 comments:

  1. Jai Sakrai Mata... Jai ho Sakrai ki Shakambhari Mata..

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मिशन कुलदेवी से जुडने के लिये आपका धन्यवाद