Kuldevi of Rajpurohit Community


शुक्रनीतिसार में कहा गया है कि अर्थ, विद्या में निपुण, वेदों का ज्ञाता, वचन पालक, राजनीतिज्ञ, युद्ध विद्या, एवं समस्त कार्यों में प्रवीण, राष्ट्र निर्माण तथा हित में कार्य करने वाला राजपुरोहित ही है। इस वंश का मारवाड़ के इतिहास में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

राजपुरोहित समाज की आराध्य देवियां 
सं. गोत्र खांप कुलदेवी
1.
भारद्वाज 
सेवड़, सोडा, बीसोत
2.
वशिष्ट
राजगुरु, अजारियों, बाडमेरों, सांचोरा, पिण्डिया सिद्धप, आमेटो, मंदपड़, भवरियों, खोया ओजा, कुरचियो,
पीपलियो, भलार, सिलौरा
अर्बुदा माता 
3.
जागरवाल
वशिष्ट की धूणी की ज्वाला से पैदा हुए। इनका गोत्र बाल ऋषि भी कहते हैं। 
जोगेश्वरी ज्वालामुखी माता 
4.
पीपलाद
मूथा, गुन्देचा, रायगुरु, चरक, गोराऊ, सोथड़ा, नन्दवाण, नाणीवाल, गोमतीवाला, अबरिया, बालवन्चा, भगोरा,
मुमड़ियाँ, करनारियाँ, धमनियाँ, घोटा, दताणियां, सैणपुरा, बुडिचियां
ब्रह्माणी माता
5.
गौतम
मनणा, महिवाल 
-
6.
पारासर
सीया, पांचलोड़, चावण्डिया, कैवाणचा, हातला, बोतिया, राड़बड़ा, सोनाणियां 
सिघरासी माता
7.
शांडिल्य
दूदावत, व्यास, संखवालचा, रायथला, कतबा, लापा, लापद, गोराखा, पोदरवाल, मावा, मंडवी, हेड़ाऊ, लोहारियां,
रोड़ीवाल, उईयाल, केदारियाँ, बारलेचा, छद्रवाल 
-
8.
उदालिक
उदेच, कैशरियां, मकवाणा, फान्दर, लकावा, कोपराऊ, हलसियां, बाबरियां, डिगारी, नेतरड़, टमटमीयां, रावल,
तरवाड़ी लक्षीवाल, पुणाचा, रूढवा, टिटीपा, जरगालियां, कुचला, ढमढमियां, दादाला, कोसाणो 
भंमाई माता 
9.
कश्यप
सेपाउ, सोमड़ा, जोती, थानक, बालारियां, पुजारियां, बुजड़, हिड़ार, लुणातरा, लदिवाल, दिवानियां, बुवाड़ी,
सिगला, बारलियां, कृत्वा, बौया, बिरपुरा, भरतीयां, आवलियां, भेपड़, कोटीवाल, टंकावाल, सेवरियां, नारायणचा, सेपड़ 
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जिन कुलदेवियों के नाम इस विवरण में नहीं हैं उन्हें शामिल करने हेतु  सर्वेक्षण-प्रपत्र अथवा नीचे दिए कमेण्ट बॉक्स में  विवरण आमन्त्रित है।
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2 comments:

  1. उदालक ऋषि का गोत्र भारद्वाज था इसलिए उदेशो की कुलदेवी माँ चामुंडा है।।

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  2. Rajpurohit Samaj ki Kuldeviya... Acha prayas h. keep it up

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मिशन कुलदेवी से जुडने के लिये आपका धन्यवाद