नारायणी माता (Narayani Mata) का मन्दिर भारतवर्ष में सैन समाज (Sain Samaj) से जुड़ा एकमात्र मन्दिर है। सती नारायणी माता सैन समाज की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती है। नारायणी माता का मंदिर राजस्थान के अलवर जिले में अमनबाग (Amanbagh) से 14 K.M. दूर सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान (Sariska National Park) के किनारे पर स्थित है। नारायणी माता उत्तरी भारत में पहली सती है जो राणी सती से भी पहले की है। कथा के अनुसार देवी नारायणी जब विवाह के बाद अपने पति के साथ पहली बार अपने ससुराल जा रही थी, तब रास्ते में सर्प दंश (Snakebite) से उसके पति की मृत्यु हो गई। भगवान शिव की परम उपासक देवी नारायणी अपने पति के साथ चिता पर बैठ कर सती हो गई। नारायणी माता को देवी सती का अवतार माना जाता है।
Narayani Mata ki Jai... Jai ho Alwar ki Narayani Mata
ReplyDeletehow to reach narayani mata from bharatpur
ReplyDelete