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Ambika Mata |
उदयपुर में लगभग 55 की.मी. दक्षिण-पूर्व में अवस्थित जगत गाँव में 10वीं शताब्दी में निर्मित अम्बिकामाता के सुन्दर पर कलात्मक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। जगत गाँव में ईसा की छठी शताब्दी के एक इष्टिका निर्मित शाक्त सम्प्रदाय के प्रसाद से कुछ पाषाण प्रतिमाएँ मिली है।
राजस्थान पुरातत्व विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. आर. सी. अग्रवाल ने जगत के अम्बिका मंदिर के सभामण्डप के एक स्तम्भ पर विक्रम संवत 1017 के लेख को प्रकाशित किया है, जिसमे किसी वल्लुक पुत्र सबपुरा द्वारा जीर्णोद्धार उक्त मन्दिर में निर्माण कार्य कराने का उल्लेख है ।
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Ambika Mata Temple- Jagat Udaipur |
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Ambika Mata Temple- Jagat Udaipur |
जगत का अम्बिका मन्दिर अनेक शताब्दियों तक एक पवित्र धार्मिक स्थान के रूप में लोक आस्था का केन्द्र रहा तथा मेवाड़ के समय गुहिलवंशीय साशकों द्वारा समय-समय पर इस मन्दिर के निमित भेंट एवं अनुदान दिये जाने के प्रचुर साक्ष्य उपलब्ध होते हैं ।
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Ambika Mata Temple- Jagat Udaipur |
यह मन्दिर मातृदेवी दुर्गा के शान्त,अभय एवं वरद रूप की एकान्तिक उपासना का उदाहरण है । यहाँ देवी दुर्गा का महिषमर्दिनी रूप प्रमुखता के साथ प्रस्तुत किया गया है । इस मन्दिर में दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, तपस्यारत पार्वती तथा क्षेमकरी की उपासना की गई है । गर्भगृह की प्रमुख प्रतिमा भी क्षेमकरी विग्रह की रहर होगी जैसा की प्रतिमा के अवशिष्ट परिकर से प्रतीत होता है, जो अभी भी गर्भगृह में विघमान है जबकी प्रतिमा नष्ट हो चुकी है ।
जगत का अम्बिका मन्दिर शताब्दियों से मेवाड़ क्षेत्र की लोक आस्था का केन्द्र रहा है । जिसे देवी-प्रतिमाओं का खजाना कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।
Jai ho Ambika Mata... Jai ho Jagat ki Ambika Maiya
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